बच्चेदानी में सूजन का इलाज
बच्चेदानी में सूजन को मेडिकल भाषा में एंडोमेट्रिटिस कहते हैं। यह समस्या इंफेक्शन, हार्मोनल असंतुलन, गर्भपात, डिलीवरी के बाद जटिलताओं या चोट के कारण हो सकती है। इस समस्या का इलाज लक्षणों की गंभीरता और उसके कारण पर निर्भर करता है। बच्चेदानी में सूजन का इलाज, दवाओं, सर्जरी और घरेलू नुस्खों से किया जा सकता है।
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दवाओं से इलाज
अगर सूजन का कारण बैक्टीरियल इंफेक्शन है तो एंटीबायोटिक दवाएं निर्धारित की जाती हैं। यह दवाएं इंफेक्शन को जड़ से खत्म करती हैं। इन दवाओं में शामिल हैं:
- डॉक्सीसाइक्लिन: यह दवा बैक्टीरियल इंफेक्शन को दूर करने के लिए बेहद प्रभावी होती है।
- मेथ्रोनिडाजोल: यह एंटीबायोटिक बैक्टीरिया और पैरासाइट्स को दूर करने में मदद करती है।
- पेन किलरर: सूजन और दर्द अधिक होने पर उनसे आराम पाने के लिए पेन किलर दवाएं लिखी जाती हैं।
उदाहरण के तौर पर:
- सूजन और दर्द को नियंत्रित करने के लिए इबुप्रोफेन।
- हल्के से मध्यम दर्द और बुखार के लिए पेरासिटामोल।
जब सूजन हार्मोनल असंतुलन के कारण होती है, तो एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसी हार्मोनल दवाएं दी जाती हैं। ये दवाएं बच्चेदानी की दीवारों को मजबूत और सूजन को कंट्रोल करने में मदद करती हैं।
सर्जिकल इलाज
जब दवाओं से बच्चेदानी के सूजन में सुधार नहीं होता है, तो सर्जरी की सलाह दी जाती है, जिसमें मुख्य रूप से निम्न शामिल हैं:
- डायलेशन एंड क्यूरेटेज (D&C): इस प्रक्रिया में बच्चेदानी की दीवार से खराब या अनावश्यक टिशू को हटाया जाता है। गर्भपात या इंफेक्शन के बाद सूजन होने पर डायलेशन एंड क्यूरेटेज सर्जरी की जाती है।
- लेप्रोस्कोपी: अगर सूजन का कारण फाइब्रॉइड्स, सिस्ट या एंडोमेट्रियोसिस है, तो लेप्रोस्कोपी सर्जरी की जाती है।
- हिस्टेरेक्टॉमी: समस्या बहुत गंभीर या बार-बार सूजन होने पर बच्चेदानी को हटाने की सर्जरी (हिस्टेरेक्टॉमी) की जाती है। इसे अंतिम उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
घरेलू उपाय
अगर बच्चेदानी में सूजन अपनी शुरुआती स्टेज में है तो कुछ खास घरेलू नुस्खों की मदद से इन्हें दूर किया जा सकता है। इन घरेलू नुस्खों में शामिल हैं:
- गर्म पानी से सिकाई: पेट के निचले हिस्से को गर्म पानी की थैली से साइकै करने पर दर्द और सूजन से राहत मिलती है। यह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है और मांसपेशियों को आराम देता है।
- मेथी के बीज: मेथी में सूजन कम करने वाले गुण होते हैं। इसे रातभर पानी में भिगोकर रखें और फिर सुबह उस पानी को छानकर पीने से सूजन में राहत मिलती है।
- अदरक और हल्दी: अदरक और हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। दिन में दो बार इसका सेवन सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है। अदरक और हल्दी की चाय का सेवन करें।
- तुलसी का पानी: तुलसी में एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुण होते हैं। इसे पानी में उबालकर पीने से शरीर से इंफेक्शन दूर होता है। आप तुलसी की चाय भी पी सकती हैं।
- हेल्दी डाइट: सूजन कम करने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लें। हरी सब्जियां, ताजे फल, नट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर मछली को अपनी डाइट में शामिल करें।
लाइफस्टाइल में बदलाव
- योग और व्यायाम: योग और हल्के व्यायाम करने से बच्चेदानी के आसपास ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे सूजन और दर्द को कम करने में मदद मिलती है।
- साफ-सफाई: प्राइवेट पार्ट की साफ-सफाई बेहद जरूरी है। इंफेक्शन से बचने के लिए साफ-सफाई बनाए रखें। नहाने के लिए हल्के एंटीसेप्टिक का उपयोग करें।
- तनाव: ज्यादा तनाव लेने से हार्मोनल असंतुलन होता है। मेडिटेशन और डीप ब्रीथिंग के अभ्यास से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
कारण
अनेक कारणों से बच्चेदानी में सूजन होती है। हालाँकि, इसके मुख्य कारणों में निम्न शामिल हैं:
- इन्फेक्शन: बैक्टीरिया या वायरस से होने वाले इंफेक्शन, बच्चेदानी में सूजन का कारण बन सकते हैं। यह इंफेक्शन यौन संचारित रोगों या पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के कारण हो सकता है।
- हार्मोनल असंतुलन: एस्ट्रोजेन या प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन के असंतुलन से मेंस्ट्रुअल साइकिल प्रभावित हो सकता है और बच्चेदानी में सूजन हो सकती है, जो फर्टिलिटी हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है।
- गर्भपात या डिलीवरी के बाद जटिलताएं: डिलीवरी या गर्भपात के बाद, बच्चेदानी में प्लेसेंटा का बचा रह जाना या उचित देखभाल की कमी से बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है, जिससे सूजन हो सकती है।
- फाइब्रॉइड या ट्यूमर: गर्भाशय में नॉन-कैंसरस फाइब्रॉइड जैसी गांठें, सूजन कारण बन सकती हैं।
- एलर्जी या ऑटोइम्यून: गर्भनिरोधक डिवाइस (IUD) या दवाओं के प्रति रिएक्शन के कारण शरीर में सूजन हो सकती है, क्योंकि यह इम्यून रिस्पॉन्स को ट्रिगर कर सकता है।
अन्य कारणों में सफाई की कमी, बिना उपचार के इंफेक्शन या पेल्विक सर्जरी की जटिलताएं भी बच्चेदानी में सूजन का कारण बनर सकती हैं।
लक्षण
बच्चेदानी में सूजन के लक्षण स्थिति की गंभीरता और कारणों पर निर्भर करते हैं। इसके सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- पेट के निचले हिस्से में दर्द: यह लगातार या तेज हो सकता है।
- इर्रेगुलर पीरियड्स: पीरियड्स में अधिक या कम ब्लीडिंग होना, या समय से पहले/देर से पीरियड्स आना।
- वेजाइनल डिस्चार्ज: बदबूदार, पीले या हरे रंग का डिस्चार्ज, इंफ्केशन का संकेत हो सकता है।
- बुखार और थकान: शरीर में संक्रमण के कारण हल्का या तेज बुखार होना।
- पेल्विक क्षेत्र में सूजन और भारीपन: यह फाइब्रॉइड या ट्यूमर के कारण हो सकता है।
- यौन संबंध के दौरान दर्द: सूजन की वजह से संवेदनशीलता बढ़ सकती है।
इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें। अगर आप इनमें से कोई भी महसूस करें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। शुरुआती उपचार से गंभीर जटिलताओं को रोका जा सकता है। बच्चेदानी में सूजन का इलाज, लक्षणों और कारणों पर निर्भर करता है। दवाइयां, सर्जरी, घरेलू उपाय और जीवनशैली में बदलाव सभी इलाज का हिस्सा हो सकते हैं। सही इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।