जानिए काला पीलिया क्यों होता है ? इसके कारण, लक्षण, उपचार
काला पीलिया एक गंभीर समस्या है जिसके लक्षणों पर ध्यान देना और समय पर डॉक्टर से परामर्श करके उचित उपचार पाना आवश्यक है। इस ब्लॉग में हम काला पीलिया के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में विस्तार से जानेंगे।
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काला पीलिया क्या है?
लिवर में होने वाला एक घातक वायरल इंफेक्शन है काला पीलिया, जो हेपेटाइटिस बी और सी वायरस के संक्रमण की वजह से होता है। जब लिवर में हेपेटाइटिस का इंफेक्शन बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तब लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर की स्थिति पैदा हो जाती है। ऐसी स्थिति में मरीज की मौत भी हो सकती है। काला पीलिया, बॉडी फ्लूइड से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।
काले पीलिया के लक्षण
आमतौर पर काला पीलिया के लक्षण सामान्य पीलिया के जैसे ही होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह भिन्न हो सकते हैं। काला पीलिया होने के बाद मरीज खुद में लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं जैसे कि:
- त्वचा का रंग काला पड़ना
- आँखों में पीलापन छाना
- हाथ-पैर के नाखून, हथेलियां और पेशाब पीला होना
- पेट और पैरों में पानी भर जाना
- भूख नहीं लगना
- तेजी से वजन कम होना
- हमेशा थकान महसूस होना
- सिर में दर्द और उल्टी की समस्या होना
- त्वचा पर खुजली होना
- त्वचा को थोड़ा सा दबाने पर नीले निशान बन जाना
काला पीलिया एक गंभीर लिवर की बीमारी है जिससे लिवर को नुकसान पहुंचता है। अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो लिवर में कार्बन जमा हो सकता है, जिससे कैंसर, किडनी को नुकसान और त्वचा से जुड़ी परेशानियां पैदा हो सकती हैं। इसलिए अगर आप खुद में ऊपर दिए गए लक्षणों का अनुभव करते हैं या आपको इस बात की आशंका है कि आपको काला पीलिया है तो बिना देरी किए डॉक्टर से मिलें।
काले पीलिया के कारण
काला पीलिया होने पर शरीर में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे त्वचा और आंखों का सफेद हिस्सा पीला पड़ जाता है। काला पीलिया को आम बोलचाल में ब्लैक जॉन्डिस भी कहते हैं। इसके कुछ कारण हैं जैसे कि:
- असुरक्षित यौन संबंध बनाना
- दूषित सुई या सिरिंज का इस्तेमाल करना
- संक्रमित गर्भवती महिला से बच्चे को वायरस मिलना
- नशे का सेवन करना
- ज़्यादा मीठी और नमकीन चीज़ें खाना
ऊपर दिए गए कारणों को ध्यान में रखकर इस बीमारी से खुद को बचाया जा सकता है।
काले पीलिया का निदान कैसे किया जाता है?
काला पीलिया की जांच के लिए, डॉक्टर बिलीरुबिन परीक्षण करवाने की सलाह देते हैं। इस परीक्षण में, रक्त के तरल भाग यानी सीरम में बिलीरुबिन का स्तर मापा जाता है। अगर बिलीरुबिन का स्तर सामान्य से 2-3 गुना ज्यादा है, तो पीलिया के लक्षण हो सकते हैं।
काला पीलिया का निदान करने के लिए डॉक्टर कुछ जांच करने का सुझाव देते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं:
- ब्लड टेस्ट: बिलीरुबिन लेवल, लिवर फंक्शन और कम्प्लीट ब्लड काउंट किए जाते हैं।
- इमेजिंग परीक्षण: पेट का अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई या ईआरसीपी से बाइल डक्ट में रुकावट का पता लगाने में मदद कर सकता है।
- लीवर बायोप्सी: क्षति, बीमारी, संक्रमण या सूजन के लक्षणों की जांच के लिए लिवर से टिशू का एक छोटा सा नमूना लिया जाता है।
- लेप्रोस्कोपी: लीवर और गॉल ब्लैडर को देखने के लिए कैमरे के साथ एक ट्यूब डालने के लिए नाभि के पास एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है।
अन्य टेस्ट जो किए जा सकते हैं उनमें शामिल हैं हेपेटाइटिस वायरस पैनल, कोलेस्ट्रॉल लेवल और प्रोथ्रोम्बिन समय आदि।
काले पीलिया का उपचार
काला पीलिया में तत्काल मेडिकल देखभाल और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है। उपचार के विकल्पों में निम्न शामिल हैं:
- दवाएं: अंतर्निहित कारण के आधार पर कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, एंटीवायरल दवाएं या अन्य ख़ास दवाएं दी जा सकती हैं।
- लाइफस्टाइल में बदलाव: शराब से परहेज करें, स्वस्थ वजन बनाए रखें और डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
- डाइट: बैलेंस्ड डाइट लें जिसमें हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थ, लीन प्रोटीन सोर्सेस और हेल्दी फैट शामिल हों।
काला पीलिया के अन्य उपचारों में दलिया के साथ गर्म स्नान, एंटीहिस्टामिन, कोलेस्टारामिन या कोलस्टिपोल, लिवर ट्रांसप्लांट, ब्लॉक बाइल डक्ट को खोलने के लिए सर्जरी, फोटोथेरेपी – जो बिलीरुबिन को तोड़ने के लिए फ्लोरोसेंट रोशनी का उपयोग करती है आदि शामिल हो सकते हैं।
काले पीलिया की रोकथाम
काले पीलिया से बचने के लिए आप कुछ नीचे दिए गए उपायों को अपनाए जा सकते हैं:
- दूषित पानी और खाना से बचें।
- साफ पानी पिएं और स्वस्थ खाना खाएं।
- एक ही सुई का इस्तेमाल कई लोगों द्वारा न करें।
- शारीरिक संबंध बनाते समय गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करें।
- गर्भवती महिला अपनी डिलीवरी के समय हेपेटाइटिस बी का टीका लगाएं।
- किसी का खून इस्तेमाल करने से पहले उसकी जांच कर लें।
- सैलून चलाने वाले दुकानदार एक ही उस्तरे को बार-बार इस्तेमाल न करें।
- अपने आसपास साफ-सफाई और स्वच्छता का ध्यान रखें।
- पंचायत से कूड़ा-कचरा, मल-मूत्र आदि के निष्कासन का इंतजाम करें।
- रोजाना सुबह-शाम एक गिलास छाछ या एक कटोरी दही का सेवन करें।
- नारियल पानी भी पीलिया को दूर करने में मदद करता है।
पीलिया से जल्दी निजात पाने या उससे बचने के लिए ये घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं। अगर इसके बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो डॉक्टर से बात करें।